Macaulay Minute 1835 Notes in Hindi

Macaulay Minute 1835 Notes in Hindi

(मैकॉले का विवरण पत्र 1835)

आज हम आपको (Thomas Macaulay) के सम्पूर्ण नोट्स देने जा रहे हैं | Thomas Macaulay Minute 1835 Notes in Hindi, (थॉमस मैकाले) के नोट्स पढ़कर आप अपना कोई भी टीचिंग एग्जाम पास कर सकते हैं | तो चलिए जानते हैं इसके बारे में बिना किसी देरी के |


Thomas Macaulay’s Minute of 1835
(थॉमस मैकाले का विवरण पत्र 1835)

  • 1835 का थॉमस मैकॉले का विवरण पत्र (Thomas Macaulay’s Minute) ब्रिटिश इतिहासकार और राजनीतिज्ञ थॉमस मैकाले द्वारा लिखित एक दस्तावेज था, जिसने भारत में शिक्षा के भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण रखा। मैकाले ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की परिषद के सदस्य थे और उन्हें भारत में शिक्षा प्रणाली की मरम्मत का काम सौंपा गया था।
  • अपने मिनट में, मैकाले ने भारत में अंग्रेजी भाषा की शिक्षा की शुरुआत के लिए तर्क दिया, क्योंकि उनका मानना था कि भारतीयों का एक वर्ग बनाने का यही एकमात्र तरीका है जो “रक्त और रंग में भारतीय, लेकिन स्वाद में, विचारों में, नैतिकता में, और बुद्धि में अंग्रेज।” (Indian in blood and color, but English in taste, in opinions, in morals, and in intellect) उनका मानना था कि अंग्रेजी भाषा की शिक्षा भारतीयों का एक वर्ग बनाने में मदद करेगी जो ब्रिटिश और भारतीय आबादी के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा और देश के प्रशासन में मदद करेगा।
  • विवरण पत्र ने भारत में एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया, क्योंकि कई भारतीय बुद्धिजीवियों और सुधारकों का मानना था कि यह ब्रिटेन द्वारा भारत के सांस्कृतिक और बौद्धिक वर्चस्व को बढ़ावा देगा। आलोचना के बावजूद, मिनट लागू किया गया था, और अंग्रेजी भाषा की शिक्षा भारत में शिक्षा का प्रमुख रूप बन गई, जिससे अंग्रेजी शिक्षित भारतीयों के एक वर्ग का निर्माण हुआ, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई।

अंत में, 1835 का मैकाले का कार्यवृत्त भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था, क्योंकि इसने देश में शिक्षा के भविष्य के लिए दृष्टि रखी और भारत के सांस्कृतिक, बौद्धिक और राजनीतिक जीवन पर इसका स्थायी प्रभाव पड़ा।


Orientalist-Anglicist Controversy
(प्राच्यविद्-आंग्लवादी विवाद)

  1. (Orientalist): : group supports Indian education and Indian literature
    (प्राच्यविद): समूह भारतीय शिक्षा और भारतीय साहित्य का समर्थन करता है)
  2. (Anglicist): a group that supported Western education and Western literature.
    (आंग्लविद्): एक समूह जिसने पश्चिमी शिक्षा और पश्चिमी साहित्य का समर्थन किया)

19वीं शताब्दी में औपनिवेशिक भारत में ओरिएंटलिस्ट-एंग्लिसिस्ट विवाद एक प्रमुख बौद्धिक और राजनीतिक बहस थी। यह इस सवाल पर केंद्रित था कि ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा भारत में किस तरह की शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

प्राच्यविद् (Orientalist): प्राच्यविद् बुद्धिजीवियों और सुधारकों का एक समूह था जो भारतीय शिक्षा और भारतीय साहित्य को संरक्षित और बढ़ावा देने में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि भारतीय शिक्षा शास्त्रीय भारतीय भाषाओं और साहित्य के अध्ययन पर आधारित होनी चाहिए, क्योंकि उनका मानना था कि भारत के पास एक समृद्ध सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत है जिसे संरक्षित और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, राजा राममोहन राय नाम के एक प्रमुख प्राच्यविद् का मानना था कि भारतीय शिक्षा संस्कृत और फारसी साहित्य के अध्ययन पर आधारित होनी चाहिए, क्योंकि उनका मानना था कि इन कार्यों में मूल्यवान ज्ञान और ज्ञान निहित है।

आंग्लवादी (Anglicist): आंग्लवादी बुद्धिजीवियों और सुधारकों का एक समूह था जो पश्चिमी शिक्षा और पश्चिमी साहित्य को बढ़ावा देने में विश्वास करता था। उनका मानना था कि अंग्रेजी भाषा की शिक्षा भारत में शिक्षा का प्राथमिक तरीका होना चाहिए, क्योंकि उनका मानना था कि यह भारतीयों का एक वर्ग बनाने में मदद करेगा जो “रक्त और रंग में भारतीय, लेकिन स्वाद में, विचारों में, नैतिकता में अंग्रेजी, और बुद्धि में।” उदाहरण के लिए, एक प्रमुख आंग्लविद् थॉमस मैकाले ने 1835 के अपने मिनट में तर्क दिया कि अंग्रेजी भाषा की शिक्षा देश के प्रशासन में मदद करेगी और भारतीयों का एक वर्ग तैयार करेगी जो ब्रिटिश और भारतीय आबादी के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा।

अंत में, ओरिएंटलिस्ट-एंग्लिसिस्ट विवाद औपनिवेशिक भारत में एक महत्वपूर्ण बौद्धिक और राजनीतिक बहस था, क्योंकि यह इस सवाल पर केंद्रित था कि देश में किस तरह की शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विवाद का भारत के सांस्कृतिक, बौद्धिक और राजनीतिक जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ा, क्योंकि शिक्षा और संस्कृति के लिए आंग्लवादियों की दृष्टि (Anglicists’ vision) अंततः प्रबल हुई।


Macaulay-Minute-1835-Notes-in-Hindi
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Who was Macaulay?

मैकॉले कौन था?

  1. Macaulay was an educationist, politician and proficient administrator.
    (मैकॉले एक शिक्षाशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं कुशल प्रशासक था ।)
  2. He was also a scholar of English literature, a writer and orator.
    (वह अंग्रेजी साहित्य का प्रकाण्ड विद्वान, एक लेखक एवं वक्ता भी था ।)
  3. He started working as a legal member of the Governor General’s Council from 1834.
    (उसने 1834 से गर्वनर जनरल की काउन्सिल के कानूनी सदस्य के रूप में कार्य करना प्रारम्भ किया ।)

Macaulay’s Minute

(मैकॉले का विवरण-पत्र)

  1. The Governor General of that time, William Bentinck, impressed by his abilities, appointed him the chairman of the Public Education Committee of Bengal and gave him the task of ending the Oriental-Anglicist Dispute.
    (उस समय के गवर्नर जनरल विलियम बैन्टिक ने उसकी योग्यताओं से प्रभावित होकर उसे बंगाल की लोक शिक्षा समिति का सभापति नियुक्त किया और उसे प्राच्य-पाश्चात्य विवाद को समाप्त करने का कार्य सौंपा।)
  2. Bentinck requested Macaulay to give legal advice in respect of the method of spending the amount of 1,00,000 and other disputed matters as written in the 43rd section of the order of 1813.
    (बैंटिक ने मैकाले से 1813 के आज्ञा पत्र की 43वीं धारा में लिखित 1,00,000 की राशि को व्यय करने की विधि और अन्य विवाद ग्रस्त विषयों के संबंध में कानूनी सलाह देने का अनुरोध किया ।)
  3. For legal advice on this problem, on February 2, 1835, Macaulay presented his Minute.
    (इसी समस्या के कानूनी सलाह के लिए 2 फरवरी, 1835 को मैकॉले ने अपना विस्तृत विवरण-पत्र प्रस्तुत किया ।)
  4. In this minute, he recommended making English the medium of instruction while supporting Western education.
    (इसी विवरण-पत्र में उसने पश्चिमी शिक्षा का समर्थन करते हुए अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाने की सिफारिश की ।)
  5. He said that we need a group of people who are Indian by blood and colour, but English in taste, thoughts, morals and intellect.
    (उसने कहा कि हमें ऐसे लोगों का एक समूह चाहिए जो रक्त और रंग से भारतीय हों, लेकिन स्वाद, विचार, नैतिकता और बुद्धि में अंग्रेज हों ।)
  6. The fulfillment of this objective can be possible only through western education.
    (इस उद्देश्य की पूर्ति पाश्चात्य शिक्षा से ही संभव है ।)
  7. This statement of Macaulay is popularly known as ‘Macaulay Minute’.
    (मैकॉले का यह विवरण पत्र ‘मैकॉले मिनट’ के नाम से प्रसिद्ध है ।)
  8. It is considered a very important article in the history of Indian education.
    (यह भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण लेख माना जाता है ।)
  9. English education system started in India only after this incident.
    (इस घटना के पश्चात् ही भारत में अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली का प्रारंभ हुआ ।)

Main Features of Macaulay’s Minute
(मैकॉले के विवरण- पत्र की मुख्य बातें)

  1. Macaulay’s minute with reference to the Charter 1813, explains the 43rd section as follows:
    (चार्टर 1813 के सन्दर्भ में मैकाले का विवरण-पत्र, 43वें खंड की व्याख्या इस प्रकार करता है)
  2. On what basis the East India Company will spend the amount of one lakh for the education of the Indian people, it is up to his will.
    (ईस्ट इण्डिया कम्पनी भारतीय लोगों की शिक्षा के लिए एक लाख की धनराशि को किस आधार पर व्यय करेगी, यह उसकी स्वेच्छा पर निर्भर है ।)
  3. The ‘literature’ mentioned in the Charter of 1813 does not mean only Arabic or Sanskrit, ‘English’ literature can also be included in it.
    (1813 के आज्ञा-पत्र में वर्णित ‘साहित्य’ का तात्पर्य केवल अरबी अथवा संस्कृत से नहीं है, उसमें ‘अंग्रेजी’ साहित्य को भी सम्मिलित किया जा सकता है ।)
  4. The term ‘Indian scholar’ means a person who has a high knowledge of English literature and philosophy and not of Indian and Arabic literature and philosophy.
    (भारतीय विद्वान’ शब्द का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जिसे अंग्रेजी साहित्य और दर्शन का उच्च ज्ञान हो न की भारतीय और अरबी साहित्य और दर्शन का ।)

Arguments in favor of English

(अंग्रेजी के पक्ष में तर्क)

  1. Insulting Indian languages and literature, he has written that ‘A shelf of a European library is equal to all the literature of India and Arabia.’
    (भारतीय भाषाओं एवं साहित्य का अपमान करते हुए उसने लिखा है कि ‘युरोपीय पुस्तकालय की एक अलमारी, भारत और अरब के सम्पूर्ण साहित्य के बराबर है ।)
  2. English is the language of rulers all over the world and is full of best literature.
    (अंग्रेजी समस्त विश्व में शासकों की भाषा है तथा सर्वश्रेष्ठ साहित्य से पूर्ण है ।)
  3. Most of the people of India are eager to study English.
    (अंग्रेजी पढ़ने हेतु भारत के अधिकांश लोग आतुर हैं।)
  4. English language is the key to all knowledge.
    (अंग्रेजी भाषा समस्त ज्ञान की कुंजी है ।)
  5. The English language can revive a new culture in India.
    (अंग्रेजी भाषा भारत में नवीन संस्कृति का पुनरूत्थान कर सकेगी ।)
  6. English and English culture have made many nations of the world civilized by raising them from the condition of the wild.
    (अंग्रेजी एवं अंग्रेजी संस्कृति ने विश्व के अनेक राष्ट्रो को जंगलियों की दशा से उठाकर सभ्य बनाया है ।)
  7. For taking oriental education, children are encouraged by giving scholarship etc., but students are ready to bear the expenses themselves for studying English.
    (प्राच्य शिक्षा ग्रहण करने के लिए बालकों को छात्रवृत्ति आदि देकर प्रोत्साहित किया जाता है, किन्तु अंग्रेजी पढ़ने के लिए विद्यार्थी स्वयं खर्च वहन करने को तैयार हैं ।)
  8. Our intention of imparting English education is to create a class in this country which is Indian in blood and colour, but who is like English in interests, thoughts, morals and scholarship.
    (अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने का हमारा अभिप्राय इस देश में एक ऐसे वर्ग का निर्माण करना है जो रक्त
    एवं रंग में तो भारतीय हों, पर वह रूचियों, विचारों, नैतिकता एवं विद्वता में अंग्रेज जैसा हो ।)
  9. Macaulay gave the concept of filtration theory in view of lack of funds.
    (मैकाले ने धन का अभाव देखते हुए फिल्ट्रेशन थ्योरी की अवधारणा दी ।)

Critical Study of Macaulay’s Minute

(मैकॉले के विवरण- पत्र का आलोचनात्मक अध्ययन)

  1. भारतीय संस्कृति की आलोचना (Criticism of Indian Culture)
  2. अंग्रेजी शिक्षा की सिफारिश (Recommendation of English Education)
  3. भारतीय भाषा तथा साहित्य का अपमान (Indian language and literature insulted)
  4. भारतीयों का मानसिक रूप से अंग्रेज बनाना (Make Indians mentally English)
  5. निस्पंदन सिद्धांत की गलत धारणा (Misconception of Filtration Theory)

Impact of Macaulay’s Charter on Indian Education

(मैकॉले के विवरण- पत्र का भारतीय शिक्षा पर प्रभाव)

  1. English education system started in India.
    (भारत में अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली का प्रारंभ हुआ ।)
  2. Indian youth were attracted to the glitz of Western culture.
    (भारतीय युवाओं को पश्चिमी संस्कृति की चकाचौंध के प्रति आकर्षित किया जाने लगा ।)
  3. English was declared the official working language.
    (अंग्रेजी को सरकारी कामकाज की भाषा घोषित कर दिया गया ।)
  4. English was given preference in government jobs.
    (सरकारी नौकरी में अंग्रेजी को वरीयता दी जाने लगी ।)

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